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Friday, January 6, 2017

गणतंत्र दिवस की शुभकामना हिन्दी कविता हम एक हैं

कविता:-हम एक हैं
लेखक:-युधिष्ठिर महतो(कुमार युडी)
हम एक हैं,
अपना वतन एक हैं,
एक हैं ये धरती,
एक आसमान,
फिर क्यों बँटे हैं,
हैं ये इन्सान,
हम एक हैं,
अपना वतन एक हैं।।1।।

हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई,
हैं यहाँ सब भाई-भाई,
फिर क्यों झगड़ा,
फिर किसलिए हैं लफड़ा,
मिलकर आओ रहे हम,
करें न कोई झगड़ा,
मन का बैर खत्म कर,
दोस्त हम बने,
हम एक हैं,
अपना वतन एक हैं।।2।।

ये वीरों की भूमि हैं,
वीर हैं यहाँ सभी,
बस मिलती नहीं हैं,
तकदीरें यहाँ सभी,
छोटा बड़ा नहीं हैं,
ऊँच नीच भी नहीं,
सब हैं यहाँ बराबर,
अपने हैं सभी,
हम एक हैं,
अपना वतन एक हैं।।3।।

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