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Saturday, February 25, 2017

गाने बजाने वालों की वास्तविक स्तिथि को प्रदर्शित करती हैं फिल्म अनारकली ऑफ़ आरा

प्रोमोडोम के बैनर तले बनी फिल्म अनारकली ऑफ़ आरा समाज के उनलोगों की सोच को बदलेगी।जो आज भी गाने बजाने वाले को सम्मान नहीं देते हैं।लोग भले ही मनोरंजन करते हैं।लेकिन,उनके मन में एक गलत सोच और गलत नजरिया हमेशा से ही होता हैं।बड़े परदे को छोड़ जो भी कलाकार छोटे-छोटे शहरों में गाने-बजाने का काम करते हैं।उन्हें कार्यक्रम के दौरान या अपने आस-पास समाज में लोगों से अपमान सहना ही पड़ता हैं।खासकर जो भी महिला कलाकार गाने-बजाने वाले हैं।उनके प्रति तो समाज के लोग ज़रा भी सम्मानजनक विचार नहीं सोचते हैं।इस फिल्म में एक डॉयलॉग भी हैं कि हम गाने बजाने वालों की क्या औकात हैं।सही में,जो गली मुहल्ले सड़क या गाँव-गाँव गाने-बजाने से अपना जीवन गुजार रहें हैं।उन्हें समाज के लोग सिर्फ और सिर्फ हीन भावना से ही देखते हैं।अनारकली ऑफ़ आरा भी कुछ ऐसी ही विषय पर बनाई गई हैं।फिल्म में स्वरा भास्कर अनारकली के किरदार में हैं।जिनके साथ संजय मिश्रा,पंकज त्रिपाठी और इश्तियाक खान ने भी फिल्म में काम किया हैं।फिल्म के लेखक व् निर्देशक अविनाश दास पूर्व पत्रकार रह चुके हैं।लेकिन,इस फिल्म से उन्होंने फिल्मों में एक शुरुआत की हैं।इस फिल्म के प्रोड्यूसर संदीप कपूर,प्रिया आहूजा कपूर हैं।संगीत दिया हैं रोहित शर्मा ने।जिन्होंने  शीप ऑफ़ थीसियस में संगीत दिया था।24 मार्च को फिल्म रिलीज़ हो रही हैं।उम्मीद करते हैं दर्शक फिल्म को काफी पसंद करेंगे।

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