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Sunday, February 12, 2017

खोरठा कुड़माली भाषियों से अपील

प्रिय खोरठा कुड़माली भाषियों,
जोहार झारखंड वासियों,झारखण्ड अलग राज्य की माँग के पीछे जो मूल कारण था,वह थी यहाँ की भाषा संस्कृति की रक्षा एवं संवर्द्धन।हमारी अस्मिता और पहचान का सवाल।जो की आज विलुप्त होता जा रहा हैं।विगत कई दशकों से झारखण्ड में झारखंडी भाषाओँ के उत्थान को लेकर यहाँ के बुद्धिजीवी,साहित्यकार,गीतकार,कवि, गायक,कलाकार सजग होकर काम कर रहें हैं।जिसमें खोरठा कुड़माली की प्रबल भागीदारी रही हैं।परंतु,खेद हैं कि झारखण्ड गठन के सोलह वर्षो के उपरांत भी सरकार द्वारा इसके विकास को लेकर कोई ठोस कार्य नहीं हुआ हैं।खोरठा कुड़माली भाषा का क्षेत्र विस्तार 32 हज़ार वर्ग किलोमीटर हैं तथा झारखण्ड में इन भाषा का प्रयोग करने वालों की संख्या सर्वाधिक लगभग 2.5 करोड़ हैं।इस भाषा का प्रतिनिधित्व झारखण्ड के 81 सदस्यीय विधान सभा में 40% विधायक व् मंत्री करते हैं।जो की स्वयं खोरठा कुड़माली भाषी हैं।झारखण्ड आंदोलन में खोरठा कुड़माली भाषा की अहम भूमिका रही हैं।इसके बावजूद भी आज खोरठा कुड़माली हासिये पर खड़ा हैं।राज्य सरकार द्वारा खोरठा कुड़माली भाषा को द्वितीय राज्य भाषा का दर्जा दे दिया गया।लेकिन,इसका क्रियान्वयन नहीं किया जा रहा हैं।क्योंकि,इसकी पढाई अभी तक प्राथमिक स्तर से शुरू नहीं  की गयी हैं।राँची विश्वविद्यालय को छोड़ शेष अन्य विश्वविद्यालय में जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग का गठन नहीं किया गया हैं।यहाँ के कलाकार,गीतकार,गायक,कवि, साहित्यकार,सभी उपेक्षित हैं।झारखण्ड फिल्म तकनिकी सलाहकार समिति में किसी भी खोरठा कुड़माली भाषी को सदस्य के रूप में नहीं रखा गया हैं।यहाँ तक कि झारखण्ड फिल्म तकनिकी सलाहकार समिति द्वारा जारी झारखण्ड फिल्म नीति के बुकलेट में भी क्षेत्रीय भाषाओं का जहाँ उल्लेख किया गया हैं,वहाँ खोरठा कुड़माली भाषा का ज़िक्र तक नहीं हैं।सरकार का फोकस सिर्फ राँची और उसके आस-पास के लोगों तक ही सीमित हैं।इन्ही सब सवालों को लेकर 21 फरवरी 2017 अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के शुभ अवसर पर कोयलांचल धनबाद की धरती पर खोरठा कुड़माली अधिकार रैली का आयोजन खोरठा कला साहित्य संस्कृति मंच धनबाद के तत्वधान में किया जा रहा हैं।जिसके संरक्षक माननीय पूर्व मंत्री श्री मथुरा प्रसाद महतो हैं।इस जागरण रैली में पूरे झारखण्ड  से साहित्यकार,गीतकार,कलाकार,कवि,गायक,गीतकार,अभिनेता,बुद्धिजीवी,सामाजिक कार्यकर्ता भाग ले रहें हैं।आप सभी जागरूक नागरिक व् मातृभाषा प्रेमी से भी निवेदन हैं कि आप सभी हज़ारों की संख्या में भाग लेकर इस खोरठा कुड़माली अधिकार रैली को सफल बनायें।

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