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Saturday, December 10, 2016

खोरठा गीत संगीत का दौर फिर से आएगा:-कुमार दीपक

""झारखण्ड के कलाकारों में एकता व् आत्मविश्वास की कमी है:-कुमार दीपक""खोरठा गायक कुमार दीपक अपने गीत संगीत से लोगों का दिल जीते हैं।खोरठा गीत संगीत का एक दौर इन्होंने भी देखा हैं।जब इनके गाने काफी सुपरहिट हुए और आज भी कई मौकों पर इनके गीत सुने जाते हैं।शुरू-शुरू में जब खोरठा कैसेट्स उतने बनाये नहीं जाते थे।तब ही से इनके मन में खोरठा म्यूजिक एल्बम बनाने की चाहत रही हैं।खोरठा एल्बम फूलल फूलल रोटियां के रिलीज़ होने के बाद से ही कुमार दीपक भी सक्रिय हो गए।लेकिन,इनके मन में एक सवाल था कि आखिर गीत संगीत एल्बम किस प्रकार का बनाये।फिर एक दिन अपनी बहन के साथ बात करते करते दीपक को पता चला कि लोक गीत जो गाँव देहात में बुजुर्ग गाते हैं।वही एक गीत बन सकता हैं।पर,सबसे बड़ी समस्या थी पैसे की।क्योंकि,एक ऑडियो सीडी बनाने में कम से कम 20-25 हज़ार खर्च होते थे।तब दीपक ने एक छोटी सी सीडी कैसेटट्स की दुकान खोली।इसी दुकान की कमाई से थोड़ा थोड़ा बचाकर पैसे जमा किये।इस तरह से दीपक का पहला ऑडियो कैसेट नाय जो गे सोनिया बना।जिसका विडियो लवली म्यूजिक के द्वारा 2005 में बनाया गया।जो धनबाईदेक हीरो के नाम से रिलीज़ हुआ।लेकिन,सबसे सुपरहिट का सिलसिला 2012 में रिलीज़ धमाल से शुरू हुआ।इस म्यूजिक एल्बम से दीपक को एक पहचान मिली।इस म्यूजिक एल्बम को बनाने में हिन्द म्यूजिक सोनू सुदेश का काफी सहयोग रहा।इस समय एक अजब सी घटना हुई।जब दीपक हॉलसेलर को 15-20 कैसेटट्स देने के लिए आये।तो हॉलसेलर ने ऐसे ही रख लिया।लेकिन,जब दुबारा दीपक हॉलसेलर के पास गए।तब तो मानो दीपक को भरोसा ही न था कि यह एल्बम इतना चलेगा।उस समय उम्मीद से ज़्यादा इसका एल्बम हिट रहा।फिर 2013 में करम डाइर ,2014 में बांका रे बांका कुर्थी,जाने जिगर,2015 में हसीना और मोनालिसा आदि इस तरह से कई एल्बम आते रहे।जो काफी पसंद किए गए।2016 में अपनी पत्नी पूनम दास के साथ दीपक ने करमा नाचब संघी साथी रे बनाया।जो काफी हिट रहा।इस तरह आज भी दीपक लगातार गीत संगीत के प्रति सक्रीय हैं।खोरठा संगीत को मिलकर सभी आगे बढ़ाये इनका यही सन्देश हैं।क्योंकि,आज कई कलाकार हो गए हैं।लेकिन,सबका एक दूसरे के साथ संपर्क कम हुआ हैं।जिसके कारण हमारी लोक संस्कृति पिछड़ रही हैं।इनके कार्यो के सम्मान में दास परिवार की ओर से दीपक सम्मानित भी हो चुके हैं।फिर भी दीपक की इच्छा कुछ करने की हमेशा से रही हैं।

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