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Friday, January 13, 2017

अभिनय करने से मुझे एक अलग ही मजा आता हैं-अमित कुमार खत्री

""अभिनय मेरे मानसिक तनाव को कम करती हैं और उम्र को बढ़ाती हैं-अमित कुमार खत्री""स्कूल और कॉलेज के दिनों से ही अमित कुमार खत्री काफी चर्चित रहें हैं।कोई भी कार्यक्रम हुआ करता था।तो इनका अभिनय काफी पसंद किया जाता था।बोकारो में अपनी पढाई लिखाई पूरी करने के बाद धनबाद आये।जब इन्होंने कई म्यूजिकल ग्रुप से जुड़कर काम करना चाहा।तो किसी भी म्यूजिकल ग्रुप ने महत्व नहीं दिया।तब इन्होंने एंकर के रूप में शुरुआत की।धीरे धीरे कई नाटक भी करने लगे।नुक्कड़ नाटक नया जीवन के लिए  इन्हें टाउन हॉल में सम्मानित भी किया गया।अभिनय के अलावे इन्होंने जादूगर के रूप में भी अपनी पहचान बनाई हैं।मशहूर जादूगर एस कुमार से इन्होंने जादूगर की शिक्षा ली।इसके बाद कई शाहरों में कार्यक्रम भी किये।इसी तरह काम करते करते इनकी मुलाकात विश्व प्रसिद्ध जादूगर ओपी शर्मा से हुई।इनके सहयोगी के रूप में भी अमित ने काफी सालों तक किये।जिसके लिए इन्हें सम्मानित भी किया गया।इस तरह से काम बढ़ता रहा।फिर शुरू हुआ इनका फ़िल्मी सफर।झारखंडी हीरो से फिल्मों में अभिनय की शुरुआत हुई।इसके बाद पतन,भारत माँ के लाल,जूरी हिजुआ,द लायन आदि फिल्मों में अभिनय किये।आने वाले कई और भी काम जारी हैं।इतनी दूर आज आने के बाद भी संघर्ष का दौर जारी हैं।जब कभी अपने बीते दिनों की बात करते हैं।तो आज भी अमित जी काफी भावुक हो जाते हैं।शुरुआत के दिनों में इन्होंने काफी आर्थिक समस्या झेली।मानसिक तनाव भी काफी रहा।लेकिन,इनकी एक खासियत हमेशा से रही हैं कि ये कभी भी एक ही काम को लेकर नहीं रहे।हमेशा जो भी काम मिला।सीखते गये और करते गये।इसी वजह से आज तक बने रहे हैं।झारखण्ड में फिल्म और संगीत के माहौल को लेकर इनकी सोच काफी दुःखद हैं।क्योंकि,झारखण्ड में कई फिल्में बनती हैं।पर,उनमे से रिलीज़ बहुत कम होती हैं।यहाँ कलाकार भी सीखें हुए नहीं हैं।जिसके कारण ये काफी पीछे रह जाते हैं।झारखण्ड सरकार से इनकी यही आशा हैं कि सभी अनुभवी कलाकारों को सहयोग मिलें।अभी तक इनके काम के लिए कई सम्मान से सम्मानित भी हो चुके हैं।युवा कलाकारों से इनका यही कहना हैं कि अपने से अनुभवी कलाकारों का सम्मान करें।साथ ही गलत लोंगो के संपर्क में न रहें।

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