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Tuesday, January 17, 2017

समाज के रूढ़िवादी लोगों के सोच को बदलेगी फिल्म अलिफ़

3 फरवरी 2017 को रिलीज़ हो रही फ़िल्म अलिफ़  समाज में फैली रूढ़िवादी सोच रखने वालों के लिए एक सन्देश हैं।लेखक व् निर्देशक ज़ैगम इमाम हमेशा से ही अपने कुछ विशेष मुद्दों वाली फिल्मों को लेकर खास चर्चा में रहे हैं।पूर्व में पत्रकार भी रह चुके हैं।इसके साथ ही इन्होंने कुछ उपन्यास भी लिखे हैं।जो काफी लोकप्रिय हैं।इनकी पहली फ़िल्म दोज़ख इन सर्च ऑफ़ हैवेन भी काफी सफल रही हैं।अलिफ़ एक मुस्लिम बच्चे की कहानी हैं।जिसके पिता का सपना हैं कि उसका बेटा एक डॉक्टर बने।लेकिन,कई रूढ़िवादी लोग ऐसा नहीं चाहते हैं।इस फिल्म से एक बहुत अच्छा सन्देश समाज के उन लोंगो को मिलेगा।जो यह मानते हैं कि पढ़ना जरूरी नहीं,लड़ना जरूरी हैं।लेकिन,फिल्म में एक संवाद हैं-पढ़ना जरूरी हैं,लड़ना नहीं।यह संवाद आने वाले समय में काफी लोकप्रिय होने वाला हैं।साथ ही यह फिल्म भी लोग काफी पसंद करेंगे।इस फिल्म के प्रोड्यूसर ज़ैगम इमाम और पवन तिवारी हैं।इस फिल्म के कलाकार नीलिमा अज़ीम,दानिश हुसैन,भावना पानी,सिमाला प्रसाद,पवन तिवारी,आदित्य ओम, सऊद मंसूरी,ईशान कौरव हैं।यह फिल्म नवंबर 2016 में ऑस्ट्रेलिया के मशहूर इंडियन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ क्वीन्सलैंड में वर्ल्ड प्रीमीयर पर प्रदर्शित किया जा चूका हैं।साथ ही भारत के कई यूनिवर्सिटी में भी यह फिल्म दिखाई जा चुकी हैं।खासकर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में इसे काफी सराहा गया।यूट्यूब पर इसके ट्रेलर ने भी काफी धूम मचाये हुए हैं।बाइस्कोप ग्लोबल फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट स्क्रीनप्ले और बेस्ट चाइल्ड आर्टिस्ट अवॉर्ड से यह फिल्म सम्मानित भी हो चुकी हैं।ज़ैगम इमाम ने कहा वे आगे भी बच्चों और समाज से जुडी कई मुद्दों पर फिल्म बनाते रहेंगे।इन्हें फिल्मो में योगदान के कारण सम्मानित भी किया जा चूका हैं।

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