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Monday, January 30, 2017

हिन्दी कविता भारतीय हैं हम,भारतीयता हैं हमारा धर्म

शीर्षक:-भारतीय हैं हम,भारतीयता हैं हमारा धर्म
लेखक:-युधिष्ठिर महतो(कुमार युडी)

न हिन्दू,न मुस्लिम,
न सिख,न ईसाई,
हम सब हैं भारतवासी,
भारतीय हैं हम,
भारतीयता हैं हमारा धर्म।।

एक ही धरती पर जन्म लिए,
एक ही समाज में रहकर कर्म किये,
साथ साथ पले बढ़े,
खेल खुदकर बड़े हुए,
पर्व त्यौहार संग मनाये,
सुख दुःख में एक दूसरे का,
सब मिलकर साथ रहे,
भारतीय हैं हम,
भारतीयता हैं हमारा धर्म।।

जाति धर्म रीति रिवाज़,
बनाये सबने अपने हिसाब,
राष्ट्र हम सब से हैं,
चैन और अमन से सभी रहें,
सबसे बढ़कर हमारा राष्ट्र हैं,
कोई कुछ भी कहें,
सही गलत में फर्क करें,
सच में झूठ का पर्दा डालकर,
जाति धर्म की बात न कहे,
भारतीय हैं हम,
भारतीयता हैं हमारा धर्म।।

मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा गिरजाघर,
सब इंसान ने हैं बनाये,
ईश्वर अल्लाह एक हैं,
ईसा मशीह गुरुनानक साहब भी एक हैं,
सबने सन्देश दिया परोपकार का,
इंसानियत हैं सबसे बढ़कर,
यही ज्ञान की बात उन्होंने कहा,
भारतीय हैं हम,
भारतीयता हैं हमारा धर्म।।

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