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Sunday, April 23, 2017

झारखंड के कलाकारों में प्रतिभा की कमी नहीं,बल्कि प्रोत्साहित करने वालों की कमी हैं।

""झारखंड के कलाकारों में प्रतिभा की कमी नहीं,बल्कि प्रोत्साहित करने वालों की कमी हैं'"हर गाँव गली मुहल्ले हर जगह एक न एक कलाकार आपको मिलेगा।चाहें वह किसी भी कला में प्रतिभाशाली हो।पर,कलाकार मिल ही जाते हैं।ये छोटे छोटे गाँवो में बसने वाले कलाकार कहीं से भी सीखे हुए नहीं होते हैं।ये अपने पूर्वजों से जो भी सीखते हैं।उसी को आगे बढ़ाते हैं।इन कलाकारों को अगर थोड़ा सा मार्गदर्शन और सही पथ प्रदर्शक मिल जायें।तो,इन्हें इनकी कला को मान सम्मान और रोजगार का एक नया रास्ता मिल जाएगा।अभी इनकी परिस्तिथि ऐसी हैं कि प्रतिभावान होते हुए भी छोटा मोटा काम कर किसी तरह अपनी ज़िंदगी का निर्वाह करते हैं।ये इनकी मजबूरी हैं।क्योंकि,हमारे राज्यों में अभी भी कलाकारों के प्रति सरकार गंभीर नहीं हैं।अगर थोड़ा सा भी एक माहौल बनाया जायें।फिर कलाकारों के बेरोजगारी की समस्या ही खत्म हो जाएगी।झारखंड में न ही अपना टीवी चैनल हैं और न ही सुचारू रूप से संचालित रेडियो स्टेशन हैं।जहाँ इन्हें रोजगार मिल सकें।क्योंकि,अगर ऐसा होता तो सभी कलाकारों इन्ही टीवी चैनल और रेडियो स्टेशन में बनने वाले शो के जरिये काम मिल जाता।झारखंड में स्तिथि इतनी दयनीय हैं कि मजबूरन कलाकार अपने सपने व प्रतिभा को भूल नशे का शिकार हो रहें हैं।क्योंकि,जब दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं होगी।फिर कैसे सपने और प्रतिभा का विकास होगा।शौषण करने वालों की भी कमी नहीं हैं।ठग प्रोड्यूसर डायरेक्टर झारखंड में भी अपनी दुकान खोल चुकें हैं।जो भोले भाले कलाकारों की मेहनत की कमाई को झूठे सपने दिखाकर ठग जाते हैं।कलाकार फिर हिम्मत हार जाता हैं।पर,ठग फल फूल जाते हैं।उन पर कोई कार्रवाई भी नहीं होती हैं।क्योंकि,सरकार की ऐसी कोई व्यवस्था हैं ही नहीं जो कलाकारों को सही मार्ग,हक़,मान सम्मान दिला सकें।शायद फ़िल्म नीति के बाद सरकार आगे कोई ठोस कदम उठाये।जो कलाकारों की किस्मत बदल दें और कलाकारों को उनका हक मिल सकें।

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