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Sunday, May 14, 2017

एक अनोखी माँ अनिता अग्रवाल,जिसका एक ही सपना दिव्यांग बच्चों को मिले सरकारी सहायता।


एक माँ ऐसी भी होती है।

धनबाद।मैं बात कर रहा हूँ अनिता अग्रवाल की। वो एक ऐसी माँ है जिन्हें जानकर आप भी सलाम करगें। कुदरत ने उनको 2 बेटे दिये। वो उनकी माँ बनी एक नार्मल बात है ।दूसरा दिव्यांग दोनों उसके दिल का टुकड़ा है। एक बच्चा दिव्यांग है, हमारे समाज दिव्यांग बच्चों को नार्मल बच्चों के आगे उतना महत्व नही देते हैं। इस तरह की असमानता को देख कर अनिता अग्रवाल ने ये संकल्प लिया कि दिव्यांग बच्चें भी समाज के बराबर के हकदार है। ऐसा वो बोली नही कर के दिखाई।उसने दिव्यांग स्कूल खोला सब को बेटा जैसा प्यार दिया। उनके लिए इतना करती है, कभी कभी तो रात दिन मेहनत करती हैं। ताकि मेरे दिव्यांग बच्चों को कोई कमी ना आये।साथ अपना पूरा परिवार को भी ले कर चलती है। 

इस महान माँ को मैं अपने कलम के जरिये से सम्मान दे रहा हूँ।ताकि समाज से और भी ऐसी माँ सामने आये।अपने खाना नही खाती लेकिन दिव्यांग बच्चों के लिए खाना मुहैया कराती हैं। ताकि उसके बच्चें भूखे ना सोये।आज के दौर में ऐसी माँ कम देखने को मिलती है, अपने बेटों के लिए सब माँ जान से ज्यादा मोहब्बत करती हैं। लेकिन दूसरे के बेटों पर माँ का वो प्यार नही आता हैं।जितना अपने बेटे पर आता है लेकिन अनिता अग्रवाल एक ऐसी माँ है सब को एक नजर से प्यार करती है, चाहे उनका खुद का बेटा हो या दूसरे का बेटा हो, अगर मेरी माने तो अनिता अग्रवाल दुनिया की बेस्ट माँ हैं, अपनी जिंदगी की परवाह नही करती हैं। सिर्फ अपने दिव्यांग बच्चों की खुशी के लिए संघर्ष करती है।कई बार तो तबीयत खराब होती हैं।फिर भी वो उस वक्त अपने बच्चों के लिए करती हैं।वो सोचती है अगर हम नही करगें तो उन दिव्यांग बच्चों का कौन करेगा, अपना गम कभी भी बच्चों पर आने नही देती हैं। वो जानती हैं बच्चों की खुशी में ही उसकी खुशी है, इस माँ की ये ही तमन्ना है, उसके दिव्यांग बच्चें को सरकारी मदद मिले,

-धनबाद से सरताज खान की रिपोर्ट

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