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Friday, June 9, 2017

वासेपुर में रेलवे की जमीन की हो रही बिक्री पर विभाग अब तक हैं खामोश।


वासेपुर में रेलवे की जमीन की हो रही बिक्री पर विभाग अब तक हैं खामोश
धनबाद।वासेपुर और आस-पास के इलाकों में रेलवे व झारखंड सरकार की जमीन कब्जा कर उसकी खरीद-बिक्री की जा रही है. ओवरब्रिज से सटे, जोनल ट्रेनिंग स्कूल भूली, कलाली बगान के आस-पास के क्षेत्रों में धड़ल्ले से जमीन कब्जा कर प्लाटिंग व बिक्री हो रही है. धनबाद-गोमो रेल खंड के किनारे कलाली बगान के पास खाली जमीन पर इन दिनों समतलीकरण का काम चल रहा है. दो से ढाई लाख रुपये कट्ठा जमीन बिक रही है. यहीं पर आदिवासी जमीन को पहले ही कब्जा कर दर्जनों भवन बनाये गये हैं.
आदिवासी व गैर मजरुआ जमीन कब्जा कर एक बिल्डर ने काफी पहले ही बेच दी है. कई जगहों पर सरकारी जमीन कब्जा कर चहारदीवारी ही नहीं, बिल्डिंग व दुकान का निर्माण भी कर लिया गया है. आजाद नगर में तो रेलवे का तालाब गायब हो गया है. तालाब पर भवन बन गये हैं.
जमीन कब्जा करने में गैंग्स से जुड़े दोनों गुट के लोग शामिल हैं. इसके अलावा इलाके में अगर कोई जमीन बिकती है तो गैंग्स को गुंडा टैक्स देना पड़ता है. जमीन और रंगदारी के सवाल पर गैंग्स के लोग आपस में भिड़ते भी रहते हैं. वासेपुर में गैंग्स का अभी मुख्य काम जमीन कब्जा व खरीद- बिक्री में रंगदारी है. दोनों गुट एक दूसरे को मात देने में लगे हैं. गैंग्स से जुड़े आर्थिक रूप से संपन्न लोग जमीन कब्जा कर दुकान व मकान बनाकर भी बेच रहे हैं. वासेपुर में अभी किराना दुकान से लेकर कबाड़ी दुकान वालों से भी रंगदारी ली जा रही है. भयवश लोग कुछ बोलने व पुलिस के पास जाने से परहेज कर रहे हैं. इस संबंध में रेलवे का पक्ष जानने के लिए अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन किसी ने भी कुछ कहने से मना कर दिया.

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