Our social:

Tuesday, May 23, 2017

पत्रकार दिलखुश कुमार साह के दफ्तर में घुसकर दस से बारह बदमाशों ने मारपीट की,कैमरा तोड़ वीडियो फुटेज भी डिलीट की।


गोड्डा।जिस तरह सेना के जवान देश के दुश्मनों से जुझते रहते हैं। उसी तरह पत्रकार भी हमारे समाज को खोखला करने वाले भ्रष्टाचारियों व माफ़ियाओं से जुझते हुए पत्रकारिता किया करते हैं। पत्रकारिता समाज के लिए आईना होता है। निर्भीक पत्रकारिता से हीं लोकतंत्र की खूबसूरती कायम है ।लेकिन आए दिन पत्रकारों पर हो रहे हमले गंभीर चिंता का विषय है। ताजा मामला झारखण्ड के गोड्डा जिले की है ।जहां दस से बारह बदमाशों ने एक पत्रकार के दफ्तर में घुसकर मारपीट की और कवर की गई सारी फुटेज डिलीट कर दी और केमरा तोड़ दिया.दरअसल दिलखुश कुमार साह जो अब इंडिया वाच न्यूज़ ,Jk24x7 News,देश-प्रदेश मीडिया वेब पोर्टल के संवाददाता हैं ।उन्होंने फरवरी माह में वृद्धा पेंशन से जुड़ी एक ख़बर को स्थानीय वेब पोर्टल पर चलाया था। ख़बर थी कि वृद्धा पेंशन देने के नाम पर लोगों से रिश्वत मांगी जा रही है।ख़बर में सत्येन्द्र ठाकुर जो राजस्व कर्मचारी हैं। उनपर आरोप लगाया गया था कि पेंशन देने के नाम पर गरीबों से पैसे लेते हैं।इस ख़बर के बाद प्रशासन हरकत में आया और तीन महीने बाद वृद्धा पेंशन कार्यपालक दंडाधिकारी मनोज कुमार, सत्येन्द्र ठाकुर से जानकारी लेने उनके दफ्तर पहुंचे, जिसमें राजस्व कर्मचारी रिश्वत लेने के दोषी पाए गए। इसी बात को लेकर कई बदमाश रविवार को दिलखुश के दफ्तर घुस आये, कुछ ने अपने चेहरे ढंक रखे थे, बदमाशों ने पत्रकारों के साथ मारपीट की सारे विडियो डिलीट कर दिए। इतना ही नहीं उन्होंने जान से मारने की धमकी भी दी कहा कि सर को काटकर पेड़ से लटका दूंगा। इस घटना के बाद इंडिया वाच और देश-प्रदेश के संवाददाता दिलखुश ने थाने में रिपोर्ट लिखवानी चाही लेकिन थाना प्रभारी अशोक कुमार गिरी ने उल्टे संवाददाता को ही बुरा भला कहना शुरू कर दिया। थाना प्रभारी ने कहा कि तुम मीडिया वालों को मारेगा नहीं तो क्या करेगा, तुम्हारा हम बॉडीगार्ड बन जायें, इतना ही नहीं थाना प्रभारी ने डांटकर फोन रखने को कहा।
दिलखुश ने आये हुए बदमाशों में से तीन की पहचान बताई है, बदमाशों में ध्यान झा, शम्भू झा, निरंजन सिंह, प्रिंस कुमार सिंह शामिल थे। ये सभी गोड्डा और आसपास के इलाकों के रहने वाले हैं। दिलखुश ने इस पूरी घटना के पीछे सत्येन्द्र ठाकुर का हाथ बताया है। बड़ा सवाल यह है कि आखिर कबतक पत्रकारों पर इस प्रकार के अत्याचार और हमले होते रहेंगे। यदि पत्रकार भ्रष्टाचारियों का भंडाफोड़ नहीं करेगा तो कौन करेगा? आम लोगों की तरह ही पत्रकारों की सुरक्षा का जिम्मा पुलिस और सरकार के ऊपर है लेकिन जब पुलिस ही केश दर्ज करने से इंकार कर दे तो फिर भगवान ही मालिक है। फ़िलहाल दिलखुश ने गोड्डा के डीसी, एसपी, प्रमंडलीय आयुक्त, डीजीपी और मुख्यमंत्री से दोषियों पर कार्रवाई की गुहार लगाई है।

0 comments: