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Tuesday, June 6, 2017

अमित और शंकर नवरात्र के साथ रमजान में रोजा रख माँगते हैं मन्नत।


सर्वधर्म समभाव हिंदू भाई रोजा रख मांगते हैं मन्नत।

धनबाद।इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं और मानवता के हित में काम करें।उससे बड़ा कोई कर्म नहीं।सभी धर्म एक हैं।ईश्वर अल्लाह राम रहीम ईशा मशीह गुरुनानक देव सब एक हैं।सिर्फ सोच और तरीकों में फर्क हैं।
धनबाद के दो युवाओं ने एक ऐसा ही संदेश और मिशाल पेश की हैं।जो हर व्यक्ति को सकारात्मक अनुभव कराएगी।नवरात्र के साथ रमजान में रोजा रख दो हिंदू भाई सर्वधर्म समभाव की मिसाल पेश कर रहे हैंं। मनईटांड़ निवासी अमित कुमार मंडल और पुराना बाजार निवासी शंकर पासवान पिछले पांच साल से अपने परिवार की बेहतरी की दुआ करते हुए रोजा रख रहे हैं। दोनों बताते हैं कि वे सभी धर्मों को बराबर की नजरों से देखते हैं। हिंदुओं के हर पर्व को अच्छे से मनाने के साथ रोजा रखने में उन्हें कोई संकोच नहीं होता है। अमित बताते हैं कि वे जहां काम करते हैं, वहां उसके कई दोस्त हैं, जिसमें अधिकतर मुस्लिम लड़के हैं। उनके साथ रहकर कभी भी किसी बात को लेकर झगड़ा नहीं हुआ। करीब रहकर एक-दूसरे के धर्म व विचारों को जाना व समझा।

"" दोस्तों के कहने पर शुरू किया रोजा ""
 शंकर पासवान बताते हैं कि घर में बहुत समस्या थी। परिवार के लिए कुछ नहीं कर पा रहा था। कई वर्षों से परेशान था। मेरी परेशानी को देखते हुए एक दोस्त ने रमजान में रोजा रखने की सलाह दी। उसने देखा कि जो इबादत कर रहें हैं। उनकी तकलीफ दूर हो रही है। उसके बाद शंकर ने भी रोजा रखने का मन मनाया और शुरू की इबादत।

"" परिवार का भी रहता है सहयोग ""
दोनों के रोजा रखने में परिवार का पूरा सहयोग रहता है। अमित बताते हैं कि जब पहला रोजा रखा तो परिवार के हर सदस्यों ने पूरा सहयोग किया। साथ ही दोस्तों ने भी पूरा ख्याल रखा। आज जाने वाले लोग उसके रोजा रखने की सराहना करते हैं।

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