Our social:

Friday, November 25, 2016

हम खुश हैं हिंदी कविता

कविता:-हम खुश हैं  
लेखक:-युधिष्ठिर महतो(कुमार यूडी)
 जो चाहा,
वो किसी और का हुआ, 
जो माँगा, 
वो मिल न सका, 
मेरे पास जो था, 
वो छीन लिया गया, 
फिर भी कहें, 
हम खुश हैं।।1।। 
आँखों की चमक, 
गुम हो गयी, 
होठो की प्यास, 
बुझी ही नहीं, 
आशा की किरण, 
बुझ सी गयी, 
फिर भी कहें,  
हम खुश हैं।।2।। 
आँखों से आँसू ,
थमते ही नहीं, 
शरीर से प्राण,
छूटे ही नहीं, 
हाथों की लकीरें, 
धोखा दे गयी, 
फिर भी कहें, 
हम खुश हैं।।3।।
हर सुबह नई उम्मीद, 
लेकर हम जगे, 
हर शाम थककर वापस, 
घर हम लौटे, 
नई सोच नई उम्मीद, 
नई ज़िन्दगी रोज़ मिलें, 
फिर भी कहें, 
हम खुश हैं।।4।।
Share By AllNote

0 comments: