पढ़ने के लिए चाहिए निजी स्कूल कॉलेज और नौकरी सरकारी,आखिर ऐसा क्यों?जानिए जरूर इस शिक्षा व्यवस्था को।
सरकारी विद्यालय देश के हर राज्य और ज़िला में हैं।साथ ही इसकी स्तिथि क्या हैं?इस बात से भी सभी अवगत हैं।भले ही गरीब बच्चों को शिक्षा तो मिल जाती हैं।पर,शिक्षा व्यवस्था का क्या हाल हैं?यह भी किसी से छुपी नहीं हैं।किसी भी विद्यालय को ले ले।सभी में कुछ न कुछ कमियों की भरमार हैं।खाने के लिए खिचड़ी,पढ़ने के लिए किताबें, बैठने के लिए टेबल आदि सुविधाएं धीरे-धीरे मिल रही हैं।पर,शिक्षा व्यवस्था पर कोई खास असरदार बदलाव देखने को नहीं मिल पा रहा हैं।शिक्षकों की कमी भी हर विद्यालय में खलती हैं।यूँ कहे कि जब कोई पढ़ना चाहता हैं।तो,निजी स्कूल कॉलेज की ख्वाहिश रखता हैं।लेकिन,जब कोई नौकरी की इच्छा रखता हैं।तो,सरकारी नौकरी के लिए ज़्यादा प्रयास करता हैं।इसी बात से समझ में आता हैं कि निजी स्कूल और सरकारी स्कूल में क्या अंतर हैं?साथ ही यह भी पता चलता हैं कि सरकारी नौकरी और निजी नौकरी में क्या अंतर हैं?
अगर सरकारी और निजी स्कूलों की बात करें।तो,सरकारी स्कूल से मुफ्त में बहुत कुछ मिलता हैं।परंतु,सही शिक्षा नहीं मिलती हैं।इसी तरह सरकारी और निजी नौकरी की बात करें।तो,निजी नौकरी में सुविधा कम मेहनत ज़्यादा हैं।जबकि,सरकारी नौकरी में मेहनत कम सुविधा ज़्यादा हैं।हमारे भारत देश में इस प्रकार की मानसिकता बहुत पुरानी हैं।सरकार कई बदलाव लाती हैं और लाना चाहती भी हैं।पर,हर विभाग में कोई न कोई कमी हैं।
वर्तमान में निजी स्कूलों की संख्या में इज़ाफ़ा हुआ हैं ।वहीं सरकारी नौकरियों में कमी आयी हैं।युवाओं में बेरोजगारी भी बढ़ी हैं।कारण इसका एक ही शिक्षा व्यवस्था।क्योंकि,आम तौर पर जो युवा सरकारी स्कूल कॉलेज में पढ़कर आ रहें हैं।उन्हें आगे प्रतियोगी परीक्षाओं में ज़्यादा दिक्कतें हो रही हैं।निजी स्कूल कॉलेज फल फूल रहें हैं।हर साल मनमाना पैसा वसूल रहें हैं।कई कोचिंग संस्थान भी अब गाढ़ी कमाई कर रहें हैं।इन सबके बीच गरीब तबके के शिक्षित युवा भीड़ में गुम हो रहें हैं।
सरकार को अगर सच मे सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव लाना हैं।तो,सभी सरकारी अधिकारी के बच्चों का सरकारी स्कूल कॉलेज में पढ़ना अनिवार्य कर देना चाहिए।इसके साथ ही जो भी निजी स्कूल कॉलेज हैं।उन सब के लिए एक सख्त कानून बनाई जानी चाहिए।क्योंकि,इन निजी स्कूल कॉलेज की वजह से ही शिक्षा एक बड़ा व्यवसाय बनता जा रहा हैं।
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