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Monday, April 24, 2017

हॉलीवुड फिल्मों की कॉपी कर शाहरुख खान बना बॉलीवुड का किंग खान।

हिंदी सिनेमा में प्लेजरिज्म यानी क्रिएटिविटी की चोरी बहुत आम है. कई बार ये सीधे-सीधे बहुत ही फूहड़ तरीके से की जाती है. कभी इंस्पायर होने के नाम पर कहानी का बड़ा हिस्सा उठा लिया जाता है.
शाहरुख खान निसंदेह बॉलीवुड के बादशाह हैं. उनकी तमाम फिल्मों ने 90 के दशक में पली-बढ़ी पीढ़ी के दिलों पर राज किया है. मगर उन्हें किंग खान का दर्जा देने वाली फिल्मों में कई हॉलीवुड फिल्मों से इंस्पायर रही हैं.
हालांकि शाहरुख ने अपने स्टाइल और ग्लैमर से इन फिल्मों को एक अलग स्तर तक पहुंचाया है मगर फिर भी कहीं न कहीं कुछ बातें अखर जाती हैं. एक बात ये भी है कि शाहरुख ने भी अलग-अलग तरह से हॉलीवुड को इंस्पायर किया है. बात करते हैं शाहरुख खान की 5 ऐसी ही फिल्मों की जिनकी जड़ें किसी और फिल्म से जुड़ी हुई हैं.
चमत्कार
इसमें कोई दो राय नहीं कि इस चमत्कार में मार्को (नसीरुद्दीन शाह) और सुंदर (शाहरुख खान) की जोड़ी ने हमारा खूब मनोरंजन किया. मगर ये फिल्म 1986 की अंग्रेजी फिल्म ‘ब्लैक बियर्ड घोस्ट’ से बहुत ज्यादा प्रेरित थी. एक भूत जो सिर्फ स्पोर्ट्स कोच बने हीरो को दिखता है. भूत की मुक्ति तभी होगी जब वो कुछ अच्छा काम करे.

डर
‘डर’ फिल्म के साथ काफी मजेदार वाक्ये जुड़े हैं. 1962 में ग्रेगरी पैक (इन्हें आप हॉलीवुड का देवानंद कह सकते हैं) की फिल्म आई थी ‘केप फियर’. 1991 में राबर्ट डि नीरो को मुख्य भूमिका में लेकर इसका इसी नाम से रीमेक बना. ‘केप फियर’ की कहानी को आधार बना कर 'डर' का प्लॉट लिखा गया.
फिल्म में राहुल के रोल के लिए सनी देओल को अप्रोच किया गया मगर उन्होंने निगेटिव रोल न चुनकर हीरो (उनके हिसाब से) का किरदार चुना. राहुल के रोल के लिए संजय दत्त, सुदेश बेरी, अजय देवगन और अंत में आमिर खान को चुना गया था.
हिरोइन की पहली पसंद रवीना टंडन थीं और बाद में दिव्या भारती फाइनल हुई. 'डर' की पहली फाइनल स्टार कास्ट थी- सनी देओल, आमिर खान और दिव्या भारती.
आमिर की इच्छा दिव्या की जगह जुही चावला को लेने की थी. यश चोपड़ा ने उनकी ये मांग मान ली. मगर बाद में यश चोपड़ा और आमिर के बीच ही कुछ असहमति हो गई और आमिर ने फिल्म छोड़ दी.
वैसे एक मजेदार बात और राहुल के किरदार को सायको स्टॉकर बनाने का आइडिया और फिल्म का टाइटल ‘डर’ हृतिक रौशन ने उदय चोपड़ा को दिया था. बाद में 'डर' को हॉलीवुड में ‘फियर’ नाम से भी कॉपी किया गया.

बाजीगर
हार कर जीतने वाले को बाजीगर कहते हैं, मगर बाज़ीगर को अंग्रेज़ी में देखें तो ‘किस बिफोर डाइंग’ कहते हैं. 1991 में आई मैट डिलन की इस फिल्म से 1993 में आई बाजीगर इतना ज्यादा मिलती है कि लिखने वाला थक जाए. बस अंग्रेजी वाली फिल्म का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन खराब रहा था. अब इसका कारण आप अनु मलिक के 'तू मिली, मैं मिला, दुनिया जले तो जले' रैप को मत समझ लीजिएगा.

मोहब्बतें
सिर्फ लड़कों की पढ़ाई का एक पारंपरिक विचारों वाला स्कूल. वहां हर चीज़ से ऊपर अनुशासन है. इस स्कूल में एक टीचर आता है. कविता की बात करता है. परंपरागत तौर तरीकों से परे दिल की सुनने की बात करता है. नतीजा प्रिंसिपल और टीचर का टकराव.
यहां 'मोहब्बतें' नहीं लेजेंड्री ऐक्टर रॉबिन विलियम्स की फिल्म ‘डेड पोएट सोसायटी’ की बात हो रही है. इस फिल्म को हॉलीवुड के तमाम क्रिटिक्स सबसे इंस्पिरेश्नल फिल्मों में से एक मानते हैं.
इसी के मोहब्बत से भरे भारतीय वर्जन में यशराज फिल्म्स ने अपने तमाम मसाले डाले थे और फिल्म की थीम काफी बदल दी गई थी. फिर भी समानताएं साफ दिख जाती हैं. मौका लगे तो एक बार रॉबिन विलियम की ये मोटिवेश्नल फिल्म जरूर देखिएगा.

फैन
एक बार फिर रॉबर्ट डि नीरो, शाहरुख खान, यशराज फिल्म्स और परेशान करने वाला सायको. 'डर' के बाद ये समानताएं फिर से रॉबर्ट डि नीरो की 1996 में आई फिल्म ‘फैन’ से मिलती हैं.

एक जैसे नाम होने के अलावा दोनों फिल्में आइडिया के लेवल पर लगभग एक सी हैं. शाहरुख वाली ‘फैन’ को अलग आयाम देने के लिए भरपूर मेहनत की गई है. किंग खान का डबल रोल इसकी एक मिसाल है.
चक दे इंडिया
यकीन मानिए इस फिल्म का नाम यहां लिखना कतई अच्छा नहीं लग रहा. स्पोर्ट्स पर बनी फिल्मों में यकीनन ‘चक दे’ की एक खास जगह है. कोच कबीर खान और उनकी वानर सेना की सारी लड़कियां. 'या अल्लाह, ये तो सीधा शॉट लेगी' सब कुछ क्लासिक है मगर फिल्म का आइडिया 2004 में अमेरिकन मेन्स हॉकी पर बनी ‘मिरैकल’ से हूबहू लिया गया है.

'मिरैकल' 1980 की अमेरिकी आइस हॉकी टीम और उनके पूर्व खिलाड़ी से कोच बने कोच की सफलता की असली कहानी है. अंग्रेजी फिल्म में विद्या शर्मा इंडिया वाला इंट्रो भी है, और मैच से पहले एक मोटिवेश्नल स्पीच भी है.
सुकून की बस एक बात है कि बाद में आई एक और हॉलीवुड फिल्म ‘मनी बॉल’ में ब्रैड पिट ने जो किरदार निभाया हैं उसमें कपड़ो से लेकर बॉडी लैंग्वेज तक कोच कबीर खान की झलक दिखती है.

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