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Tuesday, May 16, 2017

पेट में होने वालों कीड़ों के लक्षण कारण और उपचार की पूरी जानकारी।पढ़े और शेयर करें।



नमस्कार पाठको, आपका सबका स्वागत हैं।आज के इस लेख में हम, आपको पेट में होने वाले कीड़ों के कारण, लक्षण एवं उसके उपचार के बारे में बतायेंगे। दोस्तों इस लेख को पढ़ने के बाद अपने दोस्तों को जरूर शेयर करें, ताकि ये किसी जरूरतमंद सख्स के काम आ जाये। आइये दोस्तों इसके बारे में जानतें हैं।

कारण
व्यक्तिगत स्वच्छता का अभाव इसका मुख्य कारण है। मक्खियों द्वारा दूषित आहार, जल, दूध आदि द्वारा इस रोग का प्रसार होता है। रोगी की आँतों से कृमि के अण्डे मल के साथ निकलकर बाहर आते हैं तथा पृथ्वी पर फैल जाते हैं। उपयुक्त नमी, ठण्डक व गर्मी पाकर अण्डे फूटते हैं तथा लार्वें निकलते हैं। ये लार्वे परिपक्व होकर अत्यन्त संक्रामक बन जाते हैं तथा रेंगते हुए आसपास की घास-पत्तियों पर चिपक जाते हैं। जब मल से दूषित भूमि पर व्यक्ति नंगे पाँव चलता है या खाद बनाने के स्थान पर अधिक समय नंगे पैर खड़ा रहता है तब ये लार्वें उसके तलुए व अँगुलियों या नाखूनों में चिपक जाते हैं तथा त्वचा को भेद करके शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। डोरे कृमि बच्चों में अधिक होते हैं। गुदा द्वार पर खुजलाते समय अण्डे नाखून व अँगुलियों में चिपक जाते हैं जोकि किसी भी चीज को जब रोगी छूता है या मुँह में अँगुली डालता है तो रोग का प्रसार होता है।
लक्षण
इस रोग में पाचन सम्बन्धी विकार उत्पन्न होते हैं, जैसे-भूख न लगना, जी मिचलाना, उल्टी आना, कमजोरी, पेट दर्द, शक्तिहीनता का अनुभव, पीली त्वचा, निचली उदर में पीड़ा, कई बार इतनी तीव्र कि एपेण्डीसाइटिस की पीड़ा से मिलती-जुलती होती है। ये लार्वें फेफड़ों में पहुँच जाते है। जीभ सफेद, आँखें लाल, होंठ गुलाबी रंग से रहित, सफेद नाखून, गालों पर सफेद धब्बे हो जाते हैं, शरीर में सूजन आ जाती है। गुदा द्वार पर व आस-पास खुजली होना आदि इस रोग के लक्षण हैं।
आयुर्वेदिक उपचार

करेले का ताजा रस दो या ढाई तोला लेकर उसमें नीम का रस, लहसुन का रस, बायबिडंग का चूर्ण 3-4 माशा, इनमें से कोई भी एक रस या चूर्ण इसके रस के साथ पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं। 
अखरोट की छाल का काढ़ा पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
पोदीना 30 ग्राम के साथ 10 काली मिर्च पीसकर एक गिलास पानी में घोलकर पीने से पेट के कीड़े मरकर निकल जाते हैं।
पेट के कीड़े समाप्त करने में अनार बहुत लाभप्रद है। इसके जड़ की छाल 50 ग्राम को 250 ग्राम पानी में उबालें। जब 50 ग्राम पानी बचे तो उसे बासी मुँह लगातार तीन दिन पिलाने से तथा चौथे दिन कोई रेचक देने से कीड़े निकल जाते हैं।
आध ग्राम अजवायन के चूर्ण में चुटकी भर काला नमक मिलाकर रात के समय गर्म पानी के साथ पीने से पेट के कीड़े नष्ट हो जाते हैं
नीम की पत्तियों का रस एक चम्मच शहद मिलाकर नित्य दो बार पीने से कीड़े नष्ट हो जाते हैं।
हल्दी आधा चम्मच पिसी हुई को गर्म पानी से एक सप्ताह लेने से कीड़े नष्ट हा जाते हैं।
लहसुन की चटनी खाने से कीड़े पैदा नहीं होते हैं।
सवेरे सन्तरे का रस पीने से कीड़ों का नाश होता है।
नियमित प्रातःकाल निराहार एक टमाटर पर कालीमिर्च तथा सेंधा नमक का चूर्ण बुरक कर सेवन करने से पेट के कीड़े निकल जाते हैं।

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