आरटीई (राइट टू एजुकेशन) अर्थात शिक्षा का अधिकार क्या हैं?जरूर जानिए,जरूरी हैं।
आरटीई राइट टू एजुकेशन अर्थात शिक्षा का अधिकार क्या हैं?अगर,आप नहीं जानते हैं।तो ,जरूर जानें।
अगर कोई भी स्कूल अनुच्छेद 21 (क) और आरटीई अधिनियम 01 अप्रैल 2010 का पालन नहीं करता है.तो उस स्कूल के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जा सकती हैं.इसके अलावे यदि कोई गैर सरकारी स्कूल 25 प्रतिशित सीटें गरीब परिवार के बच्चों के लिए मुहैया नहीं करवाता है।तो,उसके खिलाफ शिकायत होने पर उसकी मान्यता निरस्त की जा सकती है अथवा 25 हजार से 50 हजार रुपये तक का जुर्माना भी हो सकता है।
और भी हैं शिक्षा से जुड़ें स्कूलों के मानक.
सभी स्कूलों में शिक्षित-प्रशिक्षित अध्यापक/अध्यापिकायें होने चाहिए और अध्यापक-छात्र का अनुपात 1:30 होना चाहिए। इसके अलावा स्कूलों में मूलभूत सुविधायें जैसे- हवादार कक्ष, खेल का पर्याप्त मैदान, पीने का स्वच्छ पानी, पुस्तकालय आदि की अनिवार्य रूप से व्यवस्था होनी चाहिए। स्कूल की इमारत भी मानकों के अनुरूप ही बनी होनी चाहिए, जिससे कि आये दिन स्कूलों की इमारतें गिरने वाली घटनायें न हो सकें। इसके अलावा स्कूल परिसर के आसपास या अन्दर बीड़ी, सिगरेट, गुटका,खैनी आदि जैसी नशीले चीजों को बेचना भी गैरकानूनी हैं।
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